Thursday, December 29, 2022

What is Correlation in Biostatics


एक Reserarcher को अन्य  क्षेत्र के साथ -साथ Biostatics का भी अच्छा ज्ञान होना चाहिए।  क्योँकि Biology से सम्बंधित information (Bioinformatics) को जिस  tools की हेल्प से represent किया जाता है ,उसे ही Biostatics कहते हैं। 

Bioststatics के अंतर्गत Correlation का एक अपना अलग ही महत्वपूर्ण स्थान है। 

1.) Correlation :- " Biostatics में किसी दो Series या  आंकड़ों का संबंधों में तुलनात्मक अध्ययन Correlation कहलाता है। इसे हमेशा r से प्रदर्शित किया जाता है। " 

  • जब दो समंक श्रेणियों (Parraler Series ) के मध्य इस प्रकार का सम्बन्ध हों कि  एक समंक श्रेणी में परिवर्तन होने से दूसरी समंक श्रेणी में उसी दिशा में या विपरीत दिशा में  परिवर्तन हो जाये , तो इस परिवर्तन के मैप (Map) को ही सहसम्बन्ध (Correlation) हैं।
  • इसमें एक चर (Series) स्वतंत्र होता है तथा दूसरा चर (Series) पहले पर आश्रित (Dependent) होता  है। यदि पहले series में कोई Change  होती है तो उसका प्रभाव दूसरे के परिणाम पर पड़ने लगेगा। 

  • दोनों Series के बिच में कारण तथा परिणाम का सम्बन्ध होना चाहिए अर्थात दोनों Series का Relation , आपस में होनी चाहिए। तभी वह  Correlation सार्थक (Meaningful) होगी। 


                Ex.1) :-  वर्षा  ऋतू के आने से मच्छरों व कीड़ों की संख्या में वृद्धि हो गयी। 
                Ex.2)  :- किसी वस्तु की prize के बढ़ने से उसकी मांग कम हो जाती है। 

2.) Definition :-  A.) According to Professor King :- " दो श्रेणियों अथवा समूहों के बीच कार्य - करन सम्बन्ध को ही Correlation कहते हैं। " 

                B.) " Comparative study of relation between any 2  series called  Correlation. There first series is independent and 2nd series is dependent on first. "

                C.) " Biostatics में किसी दो Series या  आंकड़ों का संबंधों में तुलनात्मक अध्ययन Correlation कहलाता है। " 

                D.) According to Professor Bodington :- " जब दो या दो से अधिक समूहों (Groups), वर्गों (Classes)  और Similar Series  के बीच एक निश्चित सम्बन्ध होता है , तो उसे सह-सम्बन्ध (Correlation) कहते हैं। "

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3.) Classification of Correlation :- There are devided / classified mainly 3 classes :-


A.) Based on the Direction of Change of Variables:-  

                 a.) Positive Correlation :- " जब दोनों Series या constant में एक ही direction में variables change हो, तब उसे Positive Correlation कहते हैं। "

                 (Note :- दोनों Series में या तो Value घटेगी या बढ़ेगी )

                 Ex.1- वस्तु की किमत बढ़ने से पूर्ति बढ़ जाती है। 

                 Ex.2- कीमत घटने से पूर्ती (वस्तु की ) घट जाती है। 



Fig. Diagram representig (L)High Positive & (R) High Negative Correlation 


                 b.) Negative Correlation :- " जब दोनों Constant (चरों) में विपरीत दिशा में change होता है ,तब उसे  Negative Correlation कहते हैं। "

                 (Note:- एक  Series की Value बढ़ेगी तो दूसरे की घटेगी।)

                 Ex.-  किसी वस्तु की कीमत (prize ) बढ़ने से उसकी मांग कम हो जाती है या कीमत (prize)  घट जाने से वस्तु की मांग बढ़ जाती है। 


B.) Based upon the Constancy of the Ratio of change between the Variables :-  

             a.) Linier Correlation :- " जब दोनों चरों (Series) में एक ही ratio में changes  हो , तब उसे Linier Correlation कहते हैं। "


                 (Note:-  दोनों series में एक ही अनुपात (Ratio)में परिवर्तन)

                 Ex .- किसी वस्तु की कीमत में 10% की कमी होने पर उसकी 10% मंद बढ़ जाती है। 



Fig. Diagram representing (L) Linier correlation) & (R) Non linier correlation)


               b.) Curve / Non Linier Correlation :- " जब दोनों series में परिवर्तनों का अनुपात अलग - अलग हों ,तब उसे वक्र रेखीय सह-सम्बन्ध (Curve Linier Correlation) कहते हैं। "

                (Note :-  दोनों series में परिवर्तन का अनुपात (Ratio)अलग-अलग)

                Ex .- किसी वस्तु की कीमत में 10% की कमी होने पर वस्तु की मांग (Demand ) 20% बढ़ जाती है।  


C.) Based upon the Number of Variables Studied:-  

                 a.) Simple Correlation :- " जब दो Series के मध्य में सहसम्बन्ध (Correlation) का अध्ययन करते हैं ,तो उसे Simple Correlation कहते हैं। "

                 Ex .- वस्तु की कीमत बढ़ने से उसकी मांग (Demand)  कम होती है। 


                 b.) Multi Correlation :- जब दो से अधिक series के मध्य में Correlation का  अध्ययन  करते हैं ,तो उसे Multi Correlation कहते हैं। 

                 Ex .- कीमत बढ़ने से क्रेता (Buyer) की रूचि (interest) कम हो जाती  है,कीमत (prize) और बढ़ सकती है ,उत्पादन कम हो सकता है।


                 c.) Partial Correlation :- " जब हम दो चरों के मध्य सहसम्बन्ध (Correlationका अध्ययन करके अन्य (Series) को स्थिर  मान लेते हैं , तब उसे Partial Correlation कहते हैं। "

                 Ex .- कीमत (prize) और मांग (Demand) में सम्बन्ध का अध्ययन  कर लें ,लेकिन वस्तु की मांग को प्रभावित करने वाले तथ्यों को स्थिर / शून्य मान लें। 

                ( Note :- सम्बन्ध का अध्ययन  करके रूचि, कीमत व उपभोक्ता  की आय को स्थिर मान लें या ignore कर लें।) 


4.) Importance of Correlation :- 

  • To help the test of credible of series.
  • To help the understood economical behavior.
  • To help the comparative study of Economical accident. 
  • Concept of regression and ratio variance based on correlation.




4.) Limitation of Correlation :- 

  • एक series के मूल्य के आधार पर दूसरी series के तत्सम्बन्धी मूल्य का सर्वोत्तम  अनुमान नहीं। 
  • दो series में अत्यधिक सम्बन्ध होने पर यह बतलाने में असमर्थ की कौन-कौन सी सीरीज (श्रेणी) कारण है और कौन-सा परिणाम। 
  • कभी - कभी दो श्रेणियों के मध्य निरर्थक (meaningless) Correlation हो सकता है। 
  • मूल तथा अनुपात (Origin & Scale) परिवर्तन का प्रभाव नहीं पड़ता।  


5.) Conclusion :-

  • किसी दो series या आंकड़ों का तुलनात्मक अध्ययन Correlation कहलाता है।
  • एक चर स्वतंत्र होता है तथा दूसरा चर पहले पर आश्रित होता है।
  •  Correlation , आर्थिक व्यव्हार को समझने में सहायक होता है।
  • जब दो  चरों के मध्य  में सहसम्बन्ध का अध्ययन करते हैं , तो उसे Simple Correlation कहते हैं। 
  •  इसमें origin and Scale Changes का Effect नहीं पड़ता है।